जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनायें चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं के तहत एक योजना PM Kusum Yojana भी है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैया कराये जा रहे हैं ताकि उन्हें सिंचाई करने में कोई दिक्कत ना हो और साथ ही बिजली की समस्या भी कम हो। इस योजना के माध्यम से किसान अतिरिक्त बिजली पैदा करके ग्रिड को भी बेच सकते हैं और साथ ही पैसा भी कमा सकते हैं। इस योजना के माध्यम से किसानों को कई लाभ मिलने वाले हैं। इसके साथ ही आम नागरिक के मकान की छत पर सब्सिडी पर सौर ऊर्जा पैनल भी लगवाए जा रहे हैं, इससे बिजली बिल में भी कमी आयेगी। इस योजना के तहत आवेदन की अंतिम तिथि अगस्त 2022 है और सभी इच्छुक किसान सोलर पंप लगवाने के लिए अंतिम तिथि से पहले आवेदन कर लें क्योंकि आवेदन ‘पहले आओ पहले पाओ’ स्कीम के अनुसार लिए जायेंगे।

जानें प्रथम चरण में कितनी क्षमता के सौर संयंत्र किये जायेंगे स्थापित
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के कृषि पालकों को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करके लाभ पहुंचाना है। इस योजना के तहत प्रथम चरण में कुल 1250 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्र लगाए जाएंगे। सभी इच्छुक उम्मीदवार निविदा के संबंध में पूरी जानकारी ऑफिसियल वेबसाइट https://pmkusum.mnre.gov.in/ पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत सोलर संयंत्र लगवाने के लिए 30% अनुदान के साथ 25 साल तक बिजली क्रय एवं भुगतान की गारंटी की सुविधा भी दी जाएगी।
सोलर पंप लगाने के तय नियम, शर्तें एवं दिए गए दिशा-निर्देश
- कृषकों को यह ध्यान में रखना होगा कि यह आवेदन कृषि भूमि की सिंचाई के लिए ही लिये जा रहे हैं। सौर ऊर्जा आधारित जल पम्पिंग संयंत्र का इस्तेमाल कृषि भूमि की सिंचाई के लिए किया जाएगा।
- इस योजना के लिए राज्य के केवल वही किसान पात्र माने जायेंगे, जिनके पास कृषि सिंचाई के लिए विद्युत कनेक्शन उपलब्ध नहीं है।
- लगाए गए सौर पम्प संयंत्र की सुरक्षा और रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी किसान की होगी।
- लगाए गए Solar Pump संयंत्र को बेचा या हस्तांतरण नहीं किया जायेगा।
- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा तय किये गए निर्देशानुसार ही सोलर पंप संयंत्र की स्थापना की जाएगी।
- सोलर पंप लगवाने के बाद, तकनीकी खराबी के अलावा, संयंत्र की टूट-फूट या चोरी होने पर उसकी पूरी जिम्मेदारी हितग्राही किसान की होगी।
- Solar plates की स्थापना के लिए हितग्राही कृषक को छाया रहित स्थान उपलब्ध करना होगा।
- अगर Solar Pump की स्थापना के बाद किसान का पंजीकृत मोबाइल नंबर बदलता है, तो हितग्राही किसान को इसकी सूचना मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के जिला कार्यालय और सोलर पम्प स्थापित करने वाली इकाई को अनिवार्य रूप से देनी होगी।
- इसके अलावा स्थापित Solar Pump को कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जायेगा।
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