Solar Panel Yojana Helpline Number : देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और लोगों को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देशभर में सोलर प्लांट लगाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। योजना के तहत लाभार्थी को घर की छत पर सोलर प्लांट (solar plant) लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। इस योजना से लोगों को सस्ती बिजली की सुविधा मिलती है। बल्कि पर्यावरण संयंत्र में अहम भूमिका है।

30 दिनों के भीतर दी जाएगी सब्सिडी
वितरण कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि सूचना मिलने के 15 दिन के भीतर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी नेट मीटरिंग उपलब्ध करा दी जाए। भारत सरकार जो 3 किलोवाट क्षमता तक की छत के लिए 40% है और उससे अधिक 10 किलोवाट तक 20% है। 30 दिनों के भीतर डिस्कॉम द्वारा गृहस्वामी के खाते में जमा किया जाएगा।
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सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
सबसे पहले Solarrooftop.gov.in पर जाएं।
इसके बाद होम पेज पर अप्लाई फॉर सोलर रूफटॉप पर क्लिक करें।
अब नए पेज पर अपने राज्य के लिंक पर क्लिक करें।
इसके बाद सामने सोलर रूफ का आवेदन खुलेगा, जिसमें सभी आवेदनों को भरकर जमा करना होगा।
इस तरह आप सोलर रूफटॉप योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना हेल्पलाइन नंबर
सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप टोल-फ्री नंबर 1800-180-3333 पर संपर्क कर सकते हैं। सोलर रूफ टॉप इंस्टालेशन के लिए मान्यता प्राप्त प्रमाणित एजेंसियों की राज्यवार सूची आधिकारिक वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है।
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किस प्रकार का सोलर पैनल उपयुक्त है?
भारत में दो प्रकार के रूफटॉप सोलर पैनल लोकप्रिय हैं – मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल। एक मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल सिलिकॉन के एकल क्रिस्टल से बना होता है जबकि एक पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल सिलिकॉन के कई क्रिस्टल से बना होता है। इन दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। यह माना जाता है कि मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल अधिक कुशल होते हैं क्योंकि एक सेल के अंदर इलेक्ट्रॉन गति करने के लिए स्वतंत्र होते हैं क्योंकि वे एकल क्रिस्टल से बने होते हैं। हालाँकि एक सौर पैनल की दक्षता उसके मेक और मॉडल के आधार पर भिन्न हो सकती है और इसलिए इसकी दक्षता का पता लगाने के लिए प्रत्येक सौर पैनल का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए।
सोलर पैनल की वारंटी
सोलर पैनल खरीदने से पहले आपको पैनल, इन्वर्टर, सपोर्ट इक्विपमेंट आदि के लिए दी जाने वाली वारंटी को देखना चाहिए। आमतौर पर सोलर पैनल 20-25 साल की वारंटी के साथ आते हैं।
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